अक्षय तृतीया के शुभ पावन अवसर पर शानदार अद्भुत अविस्मरणीय, काव्य समनेलन, अक्षय यादे अक्षय कार्यक्रम, अक्षय साहित्यकार, का अक्षय कार्यक्रम था, मुख्य अतिथि “आ डॉ सरिता शुक्ला,”विशिष्ठ अतिथि “आ मीना भट्ट जी,”कार्यक्रम अध्यक्षा “आ डॉ नीरज अग्रवाल नन्दिनीजी “की अध्यक्षता में “आ सरोज सिंह ठाकुर जी “के कुशल सन्चालन में, भारत के कोने कोने से 28 साहित्कारों ने हिस्सा लिया,
सर्वप्रथम माँ शारदे की प्रतिमा स्थापित कर दीप प्रज्वलित किया गया, आ जगदीश सलूजा के द्वारा सुंदर सरस्वती वंदना प्रस्तुत की गई, ततपश्चात” मुख्य अतिथि डॉ सरिता शुक्ला जी”द्वारा साहित्य सरिता काव्य प्रवाह को अनवरत गति प्रदान करने हेतु, हिंदी साहित्य के प्रचार प्रसार हेतु, विभिन्न योजनाओ पर प्रकाश डाला गया, और उन्होंने इस प्रवाह को अनंत ऊँचाइयों तक गतिमान बनाने की योजना पर भी प्रकाश डाला।विशिष्ट अतिथि निर्वतमान न्यायाधीश “आ मीना भट्ट द्वारा”कार्यक्रम के आयोजन की प्रशंसा की गई।
अध्यक्षता कर रही “डॉ नीरज अग्रवाल”ने कहा साहित्य सरिता के सभी रचनाकरों को नवीन सृजन हेतु नवीन कदम उठाने होंगे, हिंदी भारत माँ का ललाट है, हमारी सँस्कृति है इसे सहेजना प्रसारित करने, समाज को जागरूक करना, हम साहित्यकारों की जिम्मेदारी है।
देश के अनेक राज्यो से जुड़े रचनाकरों ने शानदार प्रस्तुति देकर अचंभित कर दिया, आ शशिकला व्यास भोपाल से,आ पूर्णिमा तिवारी, रीता बरसिया गायत्री आलोक, रजनी खनूजा, निर्मला ध्रुव बिलासपुर से शोभा चौरसिया,डोंगरगढ़ से निवेदिता दुबे अर्चना श्रीवास्तव, नीलिमा शर्मा जयपुर राजसमंद शुभा सिंह स्मृति मिश्रा डॉ नीरज नंदिनी बिलासपुर , अनुराधा द्विवेदी कोरबा प्रियंका प्रबोधिनी गोरखपुर, माधुरी पांडा डॉ अर्चना दुबे रीत मुम्बई,सरोज सिंह राजपूत अलका शुक्ला डॉ सरिता शुक्ला लखनऊआदरणीय मीना भट्ट जबलपुर डॉ सुनीता मिश्रा ,प्रीति डिमरी सीमा निगम रायपुर आशा बेरीवाल संतोष सोनी जयपुर शोभा त्रिपाठी रेखा तिवारी बिलासपुर ने भाग लिया, इनकी सहभागिता पर सभी काव्य शिरोमणियो को " काव्य गरिमा सम्मान" से विभूषित कर प्रशस्ति पत्र प्रदान किये गए।इन सभी ने
बेहतरीन रचनाओं से पटल को सुशोभित किया।सभी साहित्यकार एक से बढ़कर एक साबित हुए, ये खूबसूरत अक्षय पल अविस्मरणीय रहेंगे। सभी को इस सहभागिता हेतु " काव्य गरिमा सम्मान" से समान्नित किया गया, ये साहित्यकारों की अनुपम प्रतिभा का समन्वय था।हमारी ईश्वर से यही कामना है कि सहित सरिता का यह काव्य प्रवाह यूँ ही दिन प्रतिदिन बुलंदियों को छुए।।
डॉ सरिता शुकला लखनऊ