लॉक डाउन में प्रशासनिक अमले के जज्बे को सलाम

मेरे साथियों 
      उम्मीद करती हूँ कि ये दिन भी अच्छे ही कट रहे होंगे । माता की आराधना में नौ दिन कब बीत गए , पता ही नहीं चला । हम सब घर में सुरक्षित रहें व यह बुरा दौर जल्दी कट जाए , यही ईश्वर से कामना है । 
       इस संकट की घड़ी में पूरा भारत एक साथ खड़ा है , यही हमारी विजय है। बहुत सी समाज सेवी संस्थाएँ गरीब तबके की मदद के लिए दिलोजान से जुटी हुई हैं । सच में, लोग अपने दिल से तन - मन और धन से सेवा कर रहे हैं । कच्चा राशन, दूध , सब्ज़ी व तैयार भोजन के पैकेट घर घर निम्न आय वर्ग को पहुँचाए जा रहे हैं। सरकार भी अपने स्तर पर बहुत सराहनीय प्रयास कर रही है । 
   सलाम है डाक्टर्ज़ , नर्सिंग स्टाफ़ , चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी , शिक्षक गण , पुलिसकर्मी व उन सभी को जो रात - दिन लोगों की सेवा में लगे हुए हैं । 
     बहुत से स्थानों में इन सब देव दूतों का स्वागत भी जनता कर रही है ।
इस के अतिरिक्त उन सबको भी सलाम जो सरकारी कोष में अथाह धनराशि का दान दे रहे हैं । इस कड़ी में भारत के जाने माने औद्योगिक घरानों से के कर कई संस्थान शामिल हैं । इस कष्ट की घड़ी में उनका सहयोग अमृत की तरह है । ईश्वर उनके ख़ज़ाने हमेशा भरे रखे । 
        लेकिन मैं उन लोगों की ओर भी ध्यान दिलाना चाहूँगी जो सरकारी कर्मचारी हैं , चाहे वे शिक्षक हों , प्रशासनिक अधिकारी या प्रथम , द्वितीय या तृतीय श्रेणी के , उनका भी इस मुहिम में पूरा सहयोग है । 
       हर शहर के कलेक्टर , अन्य प्रशासनिक अधिकारी , रसद अधिकारी विभिन्न प्राधिकरण के कर्मचारी गण रात दिन व्यवस्था सम्भाल रहे हैं । मैं समझती हूँ की इन अधिकारीयों ने भी कितने दिनों से ठीक से नींद नहीं ली होगी। सरकारी आदेशों की अनुपालना व जनता को घर में रहने के लिए बाध्य करना , विभिन्न स्थानो को क्वॉरंटीन के लिए तैयार करना , ऐसे बहुत से काम हैं जो विभिन्न विभाग कर रहे हैं ।
      साथ ही सरकारी आदेशों के तहत साठ, पचास चालीस व तीस प्रतिशत वेतन स्थगन और दो दिन , तीन दिन व पाँच दिन का वेतन दान में देना , यह भी त्याग से कम नहीं।
       यह वर्ग मूक दानदाता है । इस वर्ग कहीं मीडिया कवरेज नहीं होती। सच मायने में तो यह बात इन पर चरितार्थ होती है” नेकी कर दरिया में डाल”।
          तो मेरा दिल से नमन है उन सभी अधिकारी वर्ग ( जो इस मिशन में मनोयोग से लगे हुए हैं ) को जो इस संकट की घड़ी में डाक्टर्ज़, नर्सिंग कर्मी ,पुलिसकर्मी व चतुर्थ श्रेणी कर्मी से कम योद्धा नहीं।
     एक विनती 
घर में रहें व प्रशासन को सहयोग दें ।


नीता अजमेर शरीफ