किन किन गुनाहों की माफी मांगू......

किन किन गुनाहों की माफी मांगू
आज शब ए बारात मे।


सांसो मे, 
प्राणों से पहले तुम हो 
इस बात कि?


दिल  मे,  
धड़कन से पहले तुम हो
इस बात कि,


आँखों मे, 
ख्वाबों से पहले तुम हो
इस बात कि?


खयालों मे 
ख्वाहिशों  से पहले तुम हो
इस बात कि?


मंदिर मे,
भगवान से पहले
तुम ही हर रोज दिख जाते हो
इस बात कि?


हूं बोलो? 
सजदे मे तुम्हारे,
स्वयं को भूलकर बैठी हूँ
इस बात कि?


किन किन गुनाहों किमाफी मांगू
आज शब ए बारात मे??
कुमुद"अनुन्जया"
भागलपुर (बिहार)