नई दिल्ली। अपनी अपनी सरकार बनाने मे लगी भाजपा और कॉंग्रेस की उठा-पटक दो हफ्ते से जारी हैं। बुधवार को भाजपा की ओर से फ्लोर टेस्ट की मांग के लिए दी गई याचिका पर जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हेमंत गुप्ता की बेंच के समक्ष करीबन 4 घंटे तक सुनवाई हुई। जहां, भाजपा के वकील मुकुल रोहतगी, राज्यपाल वकील तुषार मेहता, स्पीकर वकील अभिषेक मनु सिंघवी, कॉंग्रेस वकील दुष्यंत दवे और बागी विधायको के वकील मनिंदर सिंह ने अपनी दलीलें पेश की। सुनवाई के दौरान मुख्यमंत्री के कमलनाथ ने कहा कि हम अपबे बागी विधायको से मिला चाहते हैं, जिस पर विधायको के वकील मनिंदर से कहा कि “कोई भी बागी विधायक आपसे या कॉंग्रेस के किसी भी नेता से नहीं मिलना चाहते हैं”। जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने दोनों को शांत कराते हुये कहा कि यह बच्चो की कस्टडी का केस नहीं हैं। मनिंदर ने कहा विधायक कोर्ट के सामने पेश होने के लिए तैयार हैं। वकील मनिंदर कि बात पर जस्टिस चंद्रचूड़ ने कहा “मैं कारण जानता हूँ, कि क्यो आप ऐसा कह रहे हैं, लेकिन ये सही नहीं होगा”। सभी पक्षो की 4 घंटे चली बहस के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई गुरुवार के लिए टाल दी।
भाजपा-कॉंग्रेस के बीच मारपीट, धारा 144 लागू-
बागी विधायको से मिलने पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह कुछ मंत्रियो के साथ बेंगलुरु पहुंचे। जहां विधायको से मिलने की मांग करते हुये धरना किया। पुलिस ने सुरक्षा को मद्देनजर रखते हुये दिग्विजय और मंत्रियो को हिरासत मे लिया। हालांकि बाद मे उन्हे छोड़ दिया। दिग्विजय के साथ कर्नाटक कॉंग्रेस के अध्यक्ष डीके शिवकुमार भी थे। उन्हे पहले स्थानीय थाने और डीसीपी दफ्तर ले जाया गया। इसी दौरान दिग्विजय ने टवीट करते हुये लिखा- “मैं बेंगलुरु के रमाडा होटल पहुँच गया हूँ, पुलिस हमे रोक रही हैं”। दिग्विजय की गिरफ्तारी के बाद यहाँ भोपाल मे कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओ ने राज्यभवन और भाजपा के कार्यालय के समाने जमकर नारेबाजी की। नारेबाजी के चलते भाजपा-कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओ के मारपीट शुरू को गई। इसमे कुछ कार्यकर्ता घायल हो गए। भीड़ को खदेड़ने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुये कुछ लोगो को हिरासत मे ले लिया।