सांची दूध सैंपल अवमानक घोषित होने पर दुग्ध संघ और फूड एंड ड्रग आमने- सामने

भोपाल। गुरुवार को हबीबगंज स्थित सांची दुग्ध संघ के सांची दूध के टैंकर से दूध के सैंपल अवमानक साबित होने को लेकर दुग्ध संघ और फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन आमने- सामने आ गए हैं। फूड सेफ्टी अमले ने 7 जनवरी को प्लांट में आए दूध टैंकर से दूध का नमूना लिया था। स्टेट फूड लेबोरेटरी ने दूध में एसएनएफ (फैट) तय मानक से कम होने के कारण नमूने को अवमानक घोषित किया है।
जिसके बाद दुग्ध संघ के सीईओ डॉ. केके सक्सेना ने कहा कि कार्रवाई नियमो के विरुद्ध की गई हैं। फूड सेफ्टी अमला मिलावट की जांच के लिए चिलिंग सेंटर और दूध टैंकर से नमूना ले सकते हैं। सॉलिड नॉट फेट (एसएनएफ) की मात्रा जांचने के लिए नहीं। दुग्ध संघ, टैंकर से आए दूध को प्रोसेसिंग के बाद बाजार में बेचता है। इसमें एसएनएफ, एफएसएसएआई के पैरामीटर के अनुसार होना जरूरी है। टैंकर का दूध सीधे सप्लाई नहीं होता है, इस कारण एसएनएफ के पैरामीटर पर दूध को अवमानक घोषित करना गलत है। सीईओ सक्सेना ने कमिश्नर फूड एंड ड्रग को चिट्ठी लिखकर कहा दूध की सैंपलिंग और एडमिनिस्ट्रेशन की कार्रवाई गलत हैं इसको एफएसएसएआई के नियमों के अनुसार करा जाये। जिस पर भोपाल के चीफ फूड सेफ्टी ऑफिसर (सीएफएसओ) डीके वर्मा ने कहा कि कि टैंकर से दूध का नमूना नियमानुसार लिया गया है, और जांच रिपोर्ट फूड सेफ्टी एक्ट के प्रावधानों के तहत ही की गई है।
दुग्ध संघ को जांच रिपोर्ट को लेकर आपत्ति हैं तो वह जांच रिपोर्ट को चैलेंज करें।