भोपाल। कोरोना का डर इस हद कर लोगो मे भर गया हैं कि बाहर आए किसी को भी बिना कुछ सोचे लोग कोरोना का संदिग्ध मान लेते हैं तो वही अस्पतालो मे इसके विपरीत कार्य किया जा रहा हैं। हाल ही मे ईराक के करबला से लौटी 90 वर्षीय महिला को कोरोना का संदिग्ध मानकर जेपी अस्पताल में भर्ती किया गया है। अस्पताल प्रबंधन की लापरवाही यह है कि मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखने के बजाय प्राइवेट वार्ड में रखा गया था। जहां मरीज के परिवारों के साथ-साथ सभी बिना परेशानी के आना-जाना कर रहे थे। जबकि अगर कोरोना के लक्षण किसी मरीज मे दिखाई देते हैं या फिर कोई बाहर की यात्रा से वापिस आया हैं तो हॉस्पिटल्स की ज़िम्मेदारी बनती हैं कि मरीज को आइसोलेशन वार्ड में रखा जाये। विदेश यात्रा करके लौटने वाले लोगो को कम से कम 14 दिन तक आइसोलेशन में रखना जरूरी है। जब तक की रिपोर्ट नहीं आ जाती हैं। हालांकि गनिमत यह रही कि गुरुवार को महिला की जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है। जेपी अस्पताल में इस प्रोटोकॉल का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। महिला को जेपी अस्पताल की और से ट्रिपल प्लाई फेस मास्क उपलब्ध कराया गया। जेपी अस्पताल की सिविल सर्जन डॉ. अल्का परगनिया के मुताबिक ईराक से लौटी महिला में कोरोना के लक्षण नहीं मिले थे। उनकी जांच रिपोर्ट निगेटिव आई है।
जेपी अस्पताल मे कोरोना संदिग्ध मरीज को प्राइवेट वार्ड मे किया भर्ती