भोपाल। केंद्र की भाजपा सरकार ने देश को आर्थिक बदहाली की कगार पर ला खड़ा किया हैं। आजाद भारत के इतिहास मे ऐसा पहली बार हुआ हैं कि देश कि जीडीपी मे लगातार सात तिमाही से गिरावट दर्ज की गई हो। यह कहना हैं कॉंग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता संजय झा का।
6 फरवरी शुक्रवार को दोपहर 2 बजे कॉंग्रेस कार्यलय मे रखी गई प्रेस कोन्फ्रेंस ने संजय झा ने आर्थिक मंदी को लेकर प्रधानमंत्री मोदी को आड़े हाथ देते हुये कहा कि मोदी सरकार को इकनॉमिकस के बारे मे कोई ज्ञान नहीं हैं। भारत सरकार द्वारा हाल ही मे जारी की गई अक्टूबर-दिसंबर 2019 तिमाही की विकास दर मात्र 4.7 प्रतिशत पर आ गई हैं। भारतीय अर्थव्यवस्था आईसीयू मे नहीं बल्कि कोमा मे हैं। भारत की वित्त मंत्री सीतारमन का कहना हैं कि उन्हे green shots of economic revival दिखाई दे रहा हैं। इस स्थिती मे तो the rest of the world is colour blind.क्योकि विकास दर की वर्तमान वृद्धि भी सरकारी खर्च के कारण दिखाई दे रही हैं अन्यथा यह वृद्धि दर मात्र 3.7 प्रतिशत हैं। अगर विकास दर लगातार गिरती रही और मुद्रास्फीति बढ़ती रही तो देश मुद्रास्फीतिजनित मंदी की अनिश्चितता मे फस जाएगा।
मोदी सरकार पर निशाना साधते हुये श्री संजय झा ने कहा कि भारत की विकास दर पिछले 11 वर्षो मे अपने निचले स्तर पर हैं, इनवेस्टमेंट पिछले 17 सालों के, मैन्यूफ़ेक्चरिंग पिछले 15 सालों के, प्रायवेट डिमांड पिछले 7 सालों के और कृषि विकास पिछले 4 सालों के अपने न्यूनतम स्तर पर हैं। बेरोजगारी का आलम तो यह हैं कि पिछले 45 वर्षो की भीषनतम बेरोजगारी की मार भारत झेल रहा हैं और यही कारण हैं कि दिल्ली को भीड़तंत्र मे बदलकर हिंसा का तांडव बीते दिनो किया गया, ताकि मोदी सरकार अपनी नाकामी पर पर्दा डाल सके।
जाबलेसनेस ने भारत के जनसांख्यिकीय लाभांश पर बहुत बड़ा कुठाराघात किया हैं। बेरोजगारी की वजह से भारत को बहुत बड़ी कीमत सामाजिक संदर्भों मे चुकानी पड़ी हैं। भारत मे युवाओ को देश की सरकार अपने कुटिल उद्देश्यों के लिए दिग्भ्रिमित कर देश में अराजकता की स्थिति पैदा कर रही हैं। एक तरफ समूचा विश्व कोरोना वायरस की परेशानियों से जूझ रहा हैं तो वही भारत की सरकार नियोजित रूप से नफरत का वायरस देश मे फैला रही हैं। आर्थिक प्रगति की अनिवार्य शर्त है सामाजिक सौहार्द। भारत को बाँट कर, दंगे कराकर, दलितो पर हमला कर, भारत के प्रबुध्दजनो और युवा छात्रो पर आक्रमण कर देश को आर्थिक प्रगति के पथ पर आगे नहीं बढ़ाया जा सकता। भाजपा यह भूल जाती हैं कि हम सिर्फ अर्थव्यवस्था मे नहीं रहते, पहले हम एक सामाजिक व्यवस्था मे रहते हैं।
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हमेशा की तरह सुर्ख़ियो के प्रबंधन मे लगे रहते हैं और वर्ष 2024 तक भारत की जीडीपी को 5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुँचाने की बात करते हैं। भारत की जीडीपी को 5 ट्रिलियन डॉलर पर पहुंचाने के लिए 10.5% विकास दर की आवश्यकता हैं। वर्तमान विकास दर के आधार पर तो हम वर्ष 2032 तक भी 5 ट्रिलियन डॉलर की जीसीपी तक नहीं पहुँच पाएंगे। श्री झा ने बताया कि मैन्यूफेक्चरिंग सेक्टर पिछले दो क्वाटर से लगातार सिकुड़ता जा रहा हैं, जबकि कंस्ट्रक्शन और रियल स्टेट सेक्टर मुर्झा रहा हैं। एनडीए सरकार एमएसएमई सेक्टर को बढ़ावा देने मे नाकामयाब रही है और भारत को एक गंभीर आर्थिक संकट मे डाल दिया गया हैं। कल्पना कीजिए कि रेलवे कि क्लर्क की नौकरी के लिए 28 मिलियन लोग आवेदन देते हैं, जिसमे इंजीनियर, एमबीए, पीएचडीधारी तक शामिल होते हैं, इसी से देश मे बेरोजगारी की गंभीर समस्या का पता लग जाता हैं। मगर मोदी सरकार देश की अर्थवयवस्था की सुधारने की अपेक्षा देश को जाति, भाषा, धर्म, खानपान के आधार पर बांटने मे व्यस्त हैं। काँग्रेस प्रवक्ता श्री झा ने कहा कि एक बार मोदी जी ने देश कि अर्थव्यवस्था को सुधारने के बारे मे ये कहा था कि मेरे खून मे व्यापार है और मे जानता हूँ कि अर्थव्वसथा कैसे ठीक कि जाती है झा ने कहा कि मोदी जी सिर्फ बाते करते है काम नहीं।