चोरी का मुआयना करने के बाद भी पुलिस ने नहीं दर्ज की एफआईआर

भोपाल। राजधानी मे बड़ती चोरी की वारदातों को कम करने के लिए पुलिस वालों ने एक नया तरीका ढूंढ लिया हैं। चोरी की एफआईआर दर्ज का करने का तरीका। वही हाल यूं भी हैं की जब तक जी थाने मे किसी की अफसर का वरिष्ठ अधिकारी का फोन नहीं जाएगा आपकी एफआईआर दर्ज नहीं होगी। जी हाँ, हालही मे कोलार के विनीत कुंज बी-सेक्टर में रहने वाले फिजियोथेरेपिस्ट के सूने मकान से बदमाश करीब एक लाख रुपए का माल चुरा ले गए। कोलार पुलिस मौके पर पहुंची, मुआयना भी किया। सादे कागज पर घटनाक्रम नोट कर टीम ने कहा कि थाने आकर एफआईआर की कॉपी ले जाना। अगले दिन जब फिजियोथेरेपिस्ट थाने पहुंचे तो पता चला कि एफआईआर दर्ज ही नहीं हुई है। इसके बाद उन्होंने अपने एक परिचित के जरिए अफसरों को कॉल करवाया, तब कहीं जाकर एफआईआर दर्ज हो सकी।


दरअसल, चोरी का मामला बी-सेक्टर, विनीत कुंज निवासी 31 वर्षीय महेंद्र प्रताप सिंह के साथ हुआ। पेशे से फिजियोथेरेपिस्ट महेंद्र ने बताया कि रविवार दोपहर करीब पौने दो बजे वे परिवार समेत सामान खरीदने गए थे। गेहूंखेड़ा स्थित डी-मार्ट से सामान खरीदने के बाद वे करीब चार बजे घर लौटे। देखा कि मेन गेट का कुंदा टूटा था। अंदर जाकर देखा तो बेडरूम में रखी अलमारी का सामान बिखरा था। इसमें रखे करीब 12 हजार रुपए नकद, सोने का मंगलसूत्र, करधोना, 2 जोड़ चांदी की पायल, एक जोड़ बिछिया, पत्नी सुषमा के नाम का बैंक ऑफ इंडिया का एटीएम कार्ड समेत एक लाख का माल गायब था। 100 डायल पर सूचना कर पुलिस को बुलाया दस मिनट बाद कोलार पुलिस पहुंची और मौका मुआयना करने के बाद थाने जाकर एफआईआर दर्ज कराने की सलाह देकर लौट गई।