व्यापारी को देने होंगे नए लीज रेंट, नहीं तो बेदखल करेगा भेल

भोपाल। भेल व्यापारी लीज रेंट विवाद सुलझने का नाम ही नहीं ले रहा है। विवाद का निपटारा करने कमिश्नर और कलेक्टर ने भेल प्रशासन और व्यापारियो के साथ बैठक की। जिसमे टाउनशिप मे संचालित दुकानों की लाइसेन्स फीस बढ़ाने को लेकर चर्चा हुई। जिसमे भेल प्रशासन ने साफ कह दिया कि वह कार्पोरेट ऑफिस द्वारा तय किए रेट किसी भी हालत मे नहीं कम करेंगे। वही, भेल व्यापारी महासंघ को नए रेट मंजूर नहीं है। बैठक मे एजीएम राघवेंद्र शुक्ला ने कहा कि इस मामले मे व्यापारी हाईकोर्ट गए थे।  वहा से भी फैसला भेल प्रबंधन के पक्ष मे आया है,इसलिए बढ़ा हुआ लाइसेन्स रेंट देना पड़ेगा। भेल व्यापारी महासंघ के अध्यक्ष रामबाबू शर्मा ने कहा कि भेल क्षेत्र के 15 मार्केट के 1420 व्यापारी 2011 से भेल प्रबंधन द्वारा बढ़ाए गए लाइसेन्स रेट का विरोध कर रहे है । शुरुआत मे भेल 20 पैसे वर्गफुट के हिसाब से लीज रेंट लेता था। इसके बाद 2011 तक इसे बढ़ाकर 1 रुपए 50 पैसे वर्गफिट कर दिया गया। 2011 मे ही पुनः इसे बढ़ाकर 71.09 प्रति वर्गफुट कर दिया गया। व्यापारियो ने कई बार भेल प्रबंधन से बातचीत की, लेकिन विरोध करने के बाद भी कोई सुनवाई नहीं हो रही है। इससे व्यापार भी प्रभावित हो रहा है। साथ ही भेल प्रबंधन को मिलने वाला लाइसेन्स रेंट भी नही मिल पा रहा है ।बैठक मे संभागायुक्त  ने भेल प्रबंधन के अफसरो से कहा कि 26 फरवरी तक संयुक्त बैठक कर मामले को सुलझाए। अगर कोई दिक्कत आती है,तो इस बारे मे भेल कार्पोरेट ऑफिस से बात की जाए।
भेल के अफसर को कलेक्टर ने लगाई फटकार ................बैठक मे जब कमिश्नर बात कर रही थी, तब भेल के एक अफसर तेज आवाज मे बोल रहे थे। इससे कलेक्टर तरुण पिथोड़े गुस्से मे आ गए और उन्होने उस अफसर को फटकार लगा दी कि आपमे मैनर्स नहीं है। यहा पर इतने सीनियर मौजूद है। क्या आप अँग्रेजों के जमाने के है, जों एकतरफा कार्यवाही की बात कर रहे है। इसके बाद कलेक्टर ने भेल के एक अधिकारी को फोन लगा कहा कि ऐसे अफसरो को प्रशासन की बैठक मेदुबारा न भेजे। हालांकि कुछ देर बाद अफसर ने अपनी गलती सुधारते हुए माफी मांग ली।