भोपाल।
अतिथि शिक्षकों का जन सत्याग्रह क्रमिक भूख हड़ताल आंदोलन 56 वां दिन भी अनवरत रूप से जारी है। बावजूद इसके सरकार के नुमाइंदे मानवीयता भी दिखाने का नाम नहीं ले रही है।दिन पर दिन बिताकर आंदोलन खत्म कराने की फिराक में है।सरकार की वादाखिलाफी नीयत से तंग आकर मंगलवार 18 फरवरी से भूख हड़ताल कर प्रदेश भर से हजारों अतिथि शिक्षक सामूहिक अनशन पर जाने को विवश हो चुके हैं। रविवार 16 फरवरी को थानसिंह धाकड़, कंचन लाल, अविनाशी किरार, गोपाल सिंह अहिरवार,देवेंद्र सिंह क्रमिक अनशन पर बैठकर सरकार से नियमितीकरण की मांग करते रहे।अतिथि शिक्षक संघ के संस्थापक पी.डी. खैरवार ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा है,कि कांग्रेस संगठन के राष्ट्रीय नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया,दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ जी जैसे हस्तियों के बीच अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण को लेकर भारी बहश छिड़ चुकी है।जो अतिथि शिक्षकों को स्थाई रोजगार दे पाने में मुश्किलें बढ़ाने के अलावा और कुछ भी नहीं है। सरकार और कांग्रेस संगठन जानबूझकर ऐसी माहौल बनाने में लगी हुई है।जिसका मुकाबला भी अतिथि शिक्षक लगातार दृढ़ता के साथ करने का फैसला ले चुके हैं। कांग्रेस सरकार आतिथि शिक्षकों के साथ जहां एक तरफ धोखा करने में लगी हुई है। वहीं पर आपस में झगड़े का रूप देकर नियमितीकरण के लिए दिए गये वचन की ओर से ध्यान भटकाने का काम करने में लगी हुई है।ताकि जन सत्याग्रह जल्द ही वापस हो जाये। समन्वय समिति मध्यप्रदेश के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने सरकार पर कटाक्ष करते हुए कहा कि सरकार आतिथि शिक्षकों की नियमितीकरण के लिए कोई ठोस कदम उठाने की नीयत नहीं बना रही है। अतिथि शिक्षक आज 2 महीने से मैदान में खुली छत के नीचे शाहजहांनी पार्क में आंदोलन कर रहे हैं। लेकिन कांग्रेस सरकार हमें झूठे आश्वासन देकर बरगलाने में लगी हुई है। सरकार के मंत्री बजट का रोना रो रहे हैं । वहीं कह रहे हैं कि हमारा वचन 5 साल का है।फिर सरकार में 90 दिन का समय निर्धारित किया था, तो क्या वह सिर्फ चुनावी स्टंट था? वही कमलनाथ सरकार के मंत्री प्रदुमन सिंह ने कहा है, कि सरकार के पास अगर पैसे होते तो अतिथि शिक्षकों का नियमितीकरण अब तक हो गया होता ।इस बयान पर अति शिक्षक संघ के प्रदेश प्रवक्ता जगदीश शास्त्री ने तर्क देते हुए कहा, कि हम मंत्री जी को याद दिलाना चाहते हैं, कि हम सरकार से 2 साल तक किसी प्रकार के वेतन वृद्धि की बात नहीं करेंगे ।हम उन्हें यह कह रहे हैं कि हम जिस मानदेय में कार्य कर रहे हैं। वह उसी मानदेय पर हमें हमारे पद पर स्थाई कर दे। हमें स्कूल से बार-बार अंदर बाहर ना किया जाए । स्कूलों से बाहर हो चुके अतिथि शिक्षकों को स्कूल में वापस लिया जाए। उन्हें अनुभव के आधार पर स्कूलों में कार्य पर बुलाया जाये। क्योंकि सरकार में बैठे अधिकारियों की उदासीनता
के चलते अतिथि शिक्षक स्कूलों से बाहर होते जा रहे हैं। ऑनलाइन व्यवस्था तो
,कहीं ट्रांसफर के कारण बाहर होते जा रहे हैं।अब 18 फरवरी से प्रदेश भर के अतिथि शिक्षक सामूहिक आमरण अनशन पर जाकर नियमितीकरण की मांग पूरी कराने को विवश होते जा रहे हैं । जिसमें गांव गांल के अतिथि शिक्षक भारी संख्या बल के साथ भोपाल पहुंच रहे हैं। जिसकी संपूर्ण जिम्मेदारी शासन की होगी।
आज शिक्षा अधिकार मंच मध्यप्रदेश के डायरेक्टर विजय कुमार जी धरना स्थल पर पहुंचकर आंदोलन का समर्थन देते हुए कहा कि शिक्षा के क्षेत्र में भी सरकार निजीकरण का रास्ता साफ करने में लगातार काम करने में लगी हुई है। निजीकरण के लिए सरकारी प्रयासों के बीच अतिथि शिक्षकों के नियमितीकरण की मांग का निराकरण की नीति फंसना भी बताया।
जन सत्याग्रह का छप्पनवां दिन भी मुख्य रूप से नवीन शर्मा, प्रीति चौबे,अनिता श्रीवास्तव,सरिता व्यास,अनवार अहमद कुरैशी,देवेंद्र शाक्य,अजय तिवारी, रामस्वरूप गुर्जर,द्वारका तिवारी,सुनील वर्मा,रवि गुप्ता,फहीम सरफरोश ने नेतृत्व किया।कल सोमवार को नवीन शर्मा,अनिता हरचंदानी,पवन शर्मा,शैलेंद्र श्रीवास्तव क्रमिक अनशन पर बैठेंगे।