भोपाल। सोमवार को जनता की लैब की ओर से राजधानी के 13 हाई ट्रैफिक मोबेलिटी वाले इलाकों की रैंडम एयर क्वालिटी की सैंपलिंग की गई। यह जांच दोपहर 3:45 से शाम 6:20 बजे के बीच की गई इस सैंपलिंग में सभी जगह हवा प्रदूषित थी। किसी भी स्थान पर वायु गुणवत्ता केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्धारित मानकों की स्वीकार्य अधिकतम मात्रा से कम नहीं थी।वही, राजधानी में सबसे ज्यादा प्रदूषित इलाके लालघाटी और कोलार रोड जहां बारीक धूल कण के हालात चिंताजनक हैं। जांच मे दोनों ही इलाकों में पर्टिकुलेट मैटर यानी पीएम-10 का स्तर क्रमश: 464 और 403 माइक्रोग्राम पर क्यूबिक मीटर (एमजीसीएम) पाया गया है। जनता की लैब के संचालक डॉ. सुभाष सी पांडेय के मुताबिक राजधानी में सभी 13 स्थानों पर सैंपलिंग के बाद पीएम-2.5 का औसत स्तर 138 एमजीसीएम मिला, जो पर्मिसिबल लिमिट 50 से करीब ढाई गुना अधिक था। वहीं पीएम-10 का औसत स्तर 246 एमजीसीएम मिला, जो पर्मिसिबल लिमिट 100 से ढ़ाई गुना अधिक रिकॉर्ड किया गया। डॉ. पांडेय ने टीटी नगर स्थित में स्थापित कंटीनुअस एंबिएंट एयर क्वालिटी मॉनिटरिंग सिस्टम (सीएएक्यूएमएस) पर भी सवाल उठाए। डिस्प्ले बोर्ड पर प्रदूषण के आंकड़े लाइव होने के बजाए 24 घंटे का औसत निकालकर दिखाए जा रहे हैं। सीएएक्यूएमएस को सीएसपी ऑफिस की छत पर लगा है, जो जमीन से 40 फीट ऊपर है। जबकि इंसान धरती से 10 फीट ऊंचाई के बीच हवा में सांस लेता है। इस कारण यह सिस्टम उस हवा की गुणवत्ता सही से नहीं माप सकता।