भोपाल। सोहागपुर मे लोकायुक्त पुलिस द्वारा प्रशिक्षु सहायक वन संरक्षक अफसर विजय मोरे की रिश्वत के दौरान हुई गिरफ्तारी ने वन विभाग के अन्य अफसरो के लिए भी मुसीबत खड़ी कर दी हैं। अफसरो की मुश्किलों का कारण हैं जांच के दौरान लोकायुक्त पुलिस को मोरे के ऑफिस मे मिली एक डायरी, जिसमे यह स्पष्ट रूप से दर्शाया गया हैं, किसको कितना पैसे दिया गया है। डायरी मे मुख्य वन संरक्षक अफसर के नाम के आगे 50 हजार व एसडीओ के आगे एक लाख रु., ऐसे ही कई अफसरो के नाम के साथ राशि लिखे होने की बात सामने आई हैं। हालांकि अभी लोकायुक्त मे इनमे से कई नामो की पुष्टि नहीं की हैं। जानकारी के मुताबिक मोरे ने 7 दिसंबर 2019 को गुर्जरखेड़ी निवासी महेश कुमार तिवारी के दो ट्रैक्टर-टीआरआम की लकड़ी ले जाते जब्त की थी। इन्हें छोड़ने के लिए उसने एसडीओ और डीएफओ के नाम पर तीन लाख रुपए की रिश्वत मांगी थी। इस संबंध में महेश ने लोकायुक्त में मोरे की शिकायत की थी। इसके बाद लोकायुक्त टीम ने उसे मंगलवार रात करीब 9:30 बजे फॉरेस्ट गेस्ट हाउस में महेश से 50 हजार रु. घूस लेते गिरफ्तार किया था।
विजय मोरे मध्यप्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपीपीएससी) 2017 से एसीएफ के पद पर सिलेक्ट हुआ था। उसकी सोहागपुर वन क्षेत्र, होशंगाबाद में नवंबर 2019 में पोस्टिंग हुई थी।