भोपाल। आज अतिथि शिक्षकों के सत्याग्रह का 60 वा दिवस है, पूरे दो माह से संघर्ष कर रहे अतिथि शिक्षको का बहुत बुरे हालातो में भी शाहजहानी पार्क भोपाल में आंदोलन जारी है।
संगठन के प्रदेश अध्यक्ष सुनील परिहार ने बताया कि पूरे 60 दिन हो गए पर आज तक मुख्यमंत्री कमलनाथ जी का कोई संदेश नही आया। वचन देते समय मुख्यमंत्री को अतिथि शिक्षकों ने अपनी 15 सालो के शोषण की व्यथा सुनाई थी तो चुनाव के पूर्व कमलनाथ जी के आंखों में आंसू आ गए आज लग रहा है कि वो अतिथि शिक्षकों के वोट लेने के लिए घड़ियाल के आंसू थे, परिहार ने बताया कि अब 52 जिलो के प्रभारी मंत्रियों और काँग्रेस के विधायकों के कार्यक्रमो में अतिथि शिक्षक हल्ला बोल करेंगे। उनकी गाड़ियों के सामने सोकर प्रदर्शन करेंगे, मुख्यमंत्री और मंत्रियों की सभाओं में हल्ला करेंगे, अगर ये सब सरकार नही चाहती है तो तत्काल वचन पत्र पूरा कर अतिथि शिक्षकों को नियमित करे,
प्रदेश प्रवक्ता जगदीश शास्त्री ने बताया कि ठंड तो पूरी इस तन से शाहजहानी पार्क में गुजर गई, अब भीषण गर्मी में भी तन जलने लगा है जगदीश शास्त्री ने कहा कि हमे नियमित कब करोगे ,मर जायेंगे तब करोगे।
अतिथि शिक्षक मानसिक रूप से प्रताड़ित हो रहे हैं सरकार अगर जल्दी उनके बारे में कोई निर्णय नहीं लेती तो अतिथि शिक्षक बीमार होकर काल के गाल में समाने लगेंगे अतिथि शिक्षकों ने ठंडी और बरसात तो झेल ली, लेकिन अब भीषण गर्मी और एक टाइम खाने से उनके स्वास्थ्य में विपरीत प्रभाव पड़ने लगा है। लगभग 2 महीने से अतिथि शिक्षकों का सत्याग्रह चल रहा है अब तो उनके परिवार वाले भी रास्ता देखने लगे हैं कि हमारे बच्चे, पति या भाई कब घर आएंगे। आतिथि शिक्षकों के सभी त्यौहार शाहजहानी पार्क के सत्याग्रह में बीते।
अतिथि शिक्षकों का कहना है कि हमारे लगभग सभी त्यौहार भोपाल के शाहजहानी पार्क में बीते जा रहे हैं। लगता हैं अब महाशिवरात्रि भी हम इसी पार्क में मनाएंगे और लगभग आने वाली होली का त्यौहार भी हमें इसी मैदान में मनाना पड़ेगा। हम सरकार से निवेदन करते हैं कि हमारे परिवारों व जरूरतो को देखते हुए हमारी मांगों का निराकरण जल्द से जल्द किया जाए। जिससे हम अपने परिवार के लोगों के साथ त्यौहार सुकून से मना सके। सत्याग्रह के 60वे दिन फ़हीम सरफरोज़, रविकांत गुप्ता अनीता हरचंदानी, प्रीति चौबे, धर्मेंद्र चौहान, अजय तिवारी, भारती आदि अतिथि शिक्षकों ने सत्याग्रह का नेतृत्व किया।