कॉंग्रेस के कार्यकर्ताओ ने राज्यसभा मे प्रियंका गांधी को भेजने की कि मांग।

भोपाल/नई दिल्ली। राज्यसभा में साल के आखिरी मे 68 सीटे खाली हो रही हैं। जिसका सीधा असर कॉंग्रेस पार्टी पर हो सकता हैं। जिनके चुनाव में कांग्रेस कई सीटें गंवा सकती है। प्रियंका गांधी वाड्रा, ज्योतिरादित्य सिंधिया समेत कई दिग्गजों को राज्यसभा में लाने की अडचने और बढ़ गई है। मुख्यमंत्री कमलनाथ से भी दिल्ली यात्रा के दौरान कांग्रेस नेताओं ने उनसे बात कर मप्र में प्रियंका गांधी को राज्य कोटे से राज्य सभा में भेजने की मांग की। वर्मा ने कहा कि एक बात यह भी है कि इंदिरा गांधी कमलनाथ को छिंदवाड़ा लेकर आई थी, अब कमलनाथ मुख्यमंत्री हैं तो उन्हें प्रियंका को मध्यप्रदेश लाना चाहिए। इससे प्रदेश की जनता की ताकत बढ़ेगी। रविवार को लोक निर्माण मंत्री सज्जन सिंह वर्मा ने प्रियंका गांधी को मप्र से राज्यसभा से भेजे जाने की मांग की है।


सूत्रों ने बताया कि कई राज्यों में कम होती ताकत के कारण कांग्रेस सदन में 19 में से 9 सीटें गंवा सकती है। कांग्रेस को उम्मीद है कि वह 9 सीटों को कायम रख पाएगी, जबकि गठबंधन दलों के सहारे वह एक-दो सीटें और बचा लेगी। पार्टी को छत्तीसगढ़, महाराष्ट्र, राजस्थान और मध्य प्रदेश में सरकार होने के कारण फायदा होने की उम्मीद है। बता दें कि अप्रैल में 51 राज्यसभा सीटें खाली हो रही हैं। जून में पांच सीटें खाली हो जाएगी। इसके बाद जुलाई में भी 1 सीट, जबकि नवंबर में 11 रिक्त हो जाएंगी। 
 कांग्रेस की ओर से अभी राज्यसभा के लिए दिग्विजय सिंह और ज्योतिरादित्य सिंधिया दावेदार हैं और दोनों ही राजघराने से हैं। प्रियंका गांधी को राज्यसभा में भेजने के बाद दोनों को राज्यसभा में भेजना कांग्रेस के लिए मुश्किल निर्णय हो सकता है। ऐसे में कांग्रेस के पास बेहतर विकल्प यह है कि वह एक सीट पर प्रियंका को राज्यसभा भेजे और सिंधिया और सिंह में से किसी एक को दूसरे प्रदेश में भेज दे। 



 


रविवार को ग्वालियर मे कांग्रेस महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने कहा कि मैं जनसेवक हूं और जनता के मुद्दों के लिए लड़ना मेरा धर्म है। जनता से किए वचन पूरे न होने की स्थिति में हम बिल्कुल सड़क पर उतरेंगे। सिंधिया के इस बयान पर मुख्यमंत्री कमलनाथ ने जवाब देते हुए कहा था कि वे सड़कों पर उतरना चाहते हैं तो उतर जाएं। खेमे की मंत्री इमरती देवी ने सिंधिया का समर्थन करते हुये कहा कि वचन-पत्र में वादे अकेले सिंधिया ने नहीं, राहुल गांधी, दिग्विजय सिंह, कमलनाथ और हम सबने किए हैं। सिंधिया सड़कों पर उतरे तो उनके साथ पूरे हिंदुस्तान की कांग्रेस उतरेगी, मुख्यमंत्री भी उनके साथ हैं। बाद में वे संभलीं और कहा कि जब वचन-पत्र के काम पूरे कर रहे हैं तो सड़कों पर उतरने की जरूरत नहीं है।
सामान्य प्रशासन मंत्री डॉ. गोविंद सिंह ने सिंधिया के बयान पर तंज कसा है। उन्होंने कहा कि उनको सड़कों पर उतरने के बजाए सोनिया गांधी और कमलनाथ से बात करना चाहिए। घर में बैठकर वे अपनी बात रख सकते हैं। सिंह ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सिंधिया के सड़कों पर उतरने को लेकर कहा है तो सोच-समझकर ही कहा होगा। पर