भोपाल।(सैफुद्दीन सैफी) प्रदेश की कमलनाथ सरकार से अंदर ही अंदर नाराज चल रहे कांग्रेस के प्रदेश नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया के हाल के कुछ बयानों पर नजर डाले तो लगता है कि सिंधिया अगर जल्दी ही कांग्रेस को बाय बाय करदे तो किसी को आश्चर्य नही होना चाहिए। और अगर सिंधिया के पूर्व के बयान और कल दिए टीकमगढ़ के बयानों को जोड़कर देखा जाए तो ये बात साबित होती है कि चंबल ग्वालियर छेत्र के इस कद्दावर नेता को कांग्रेस हाईकमान से लेकर प्रदेश की कमलनाथ सरकार से भी गहरी नाराजगी चल रही है।
अभी कुछ दिन पूर्व सिंधिया भोपाल और इंदौर के दौरे पर भी आये थे, इंदौर में जहाँ उन्होंने भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय से मुलाकात की जिसको लेकर कांग्रेस संघठन से लेकर मीडिया में भी उनकी मुलाकात चर्चा में रही वहीं दूसरी और जब वो भोपाल आये तो मुख्यमंत्री कमलनाथ से उन्होंने औपचारिक भेंट करना भी जरूरी नही समझा इस बाबत जब पत्रकारों ने सवाल किया तो सिंधिया ने बड़े ही तल्ख लहजे में जवाब दिया कि जरूरी नही जब भी भोपाल आऊं तो कमलनाथ जी से मुलाकात करूं अब इस तल्खी से समझा जा सकता है कि सिंधिया जी अंदर ही अंदर पार्टी में अपनी उपेक्षा को लेकर कितने विचलित है ?
कल टीकमगढ़ में एक कार्यक्रम में उन्होंने यहाँ तक बोल दिया कि अगर प्रदेश सरकार ने जल्दी ही अपने घोषणापत्र में किये वादे पूरे नही किये तो उन्हें खुद अपनी ही सरकार के खिलाफ मैदान में उतरने से परहेज नही होगा।
दिल्ली चुनाव में करारी हार से चोट खाई कांग्रेस आलाकमान ने अगर जल्दी ही मध्यप्रदेश के इस नाराज युवा नेता की देखभाल नही की तो आलाकमान को शायद एक बड़ा झटका ये लग सकता है, कि ये युवराज कांग्रेस को हमेशा के लिए बाय बाय बोल दें।