खंडवा। शुक्रवार को जिला अस्पताल और मेडिकल कॉलेज की संबद्धता का निरीक्षण करने पहुंची एमसीआई टीम। निरीक्षण के दौरान टीम को कॉलेज व अस्पताल मे कई कमियां मिलीं। सुबह 11.30 बजे से शाम 5 बजे तक एमसीआई टीम के सदस्यो मे दो टीमों के बंटकर निरीक्षण किया। जिला अस्पताल के आईसीयू में एमसीआई टीम के सदस्य राजकोट गुजरात के डॉ.जतिन भट्ट ने पूछा यहां आईसीसीयू नहीं है। रिकार्ड में तो 6 बेड का आईसीसीयू दिखाया है। जब यूनिट ही नहीं है तो फिर रिकार्ड में इसे क्यों लिखा। उन्होंने अपने एमसीआई के रिकार्ड पेज पर आईसीसीयू के सामने नो की मार्किंग की। डॉ.भट्ट के सवालों का जवाब देने की बजाय मेडिकल कॉलेज के डॉक्टरों ने कहा यूनिट तैयार है, उपकरण भी आए गए हैं, उन्हें चालू करने की प्रक्रिया जारी है।
इससे पहली हुये अक्टूबर के निरीक्षण के दौरान भी एमसीआई की टीम के सामने अस्पताल की काफी कामिया सामने आई थी। जिनको अभी तक दूर नहीं किया गया। तब भेजी रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज में हुई कार्रवाई की जमीनी हकीकत देखने मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (एमसीआई) की टीम शुक्रवार को फिर खंडवा आई। एमसीआई की टीम में शामिल राजकोट से डॉ.जतिन भट्ट, पटना से डॉ.रंजीत गुहा एवं कोलकाता से डॉ.शोभन केआर दास ने कमियों को नोट किया। टीम के सदस्यों ने निरीक्षण की वीडियोग्राफी कराई। इधर, मेडिकल कॉलेज के भी हाल कुछ ऐसे ही नजर आए, कॉलेज में फैकल्टी, रेसीडेंट डॉक्टर्स और पैरामेडिकल स्टाफ की कमी है। एमसीआई टीम द्वारा स्टाफ कमी का कारण पूछा तो कॉलेज के डॉक्टरों ने कहा ओबीसी आरक्षण का निर्णय नहीं होने से नियुक्तियां अटकी हैं।
निरीक्षण के बाद तैयार रिपोर्ट पर दिल्ली में एमसीआई की बैठक में एक से डेढ़ महीने के भीतर इस पर चर्चा होगी। इसके बाद केंद्र से राज्य सरकार को दोबारा उसकी जानकारी भेजी आएगी। रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज व अस्पताल में सुविधाओं का विस्तार किया जाएगा। निरीक्षण के दौरान कॉलेज डीन डॉ.एसके दादू, सिविल सर्जन एवं कॉलेज अधीक्षक डॉ.ओपी जुगतावत, डॉ.संजय अग्रवाल, डॉ.सुनील बाजोलिया, डॉ.राकेश हजारी सहित स्टाफ शामिल रहा।
एमसीआई टीम के निरीक्षण मे सामने आया आईसीसीयू केवल दस्तावेजो पर