भोपाल। सरकार के द्वारा पीड़ित महिलाओ को राहत देने के लिए खोला गया महिला आयोग के हाल कुछ ऐसे हैं कि सेंटर न तो कोई अध्यक्ष हैं न ही कोई सदस्य और न ही सचिव। मामलो कि जानकारी के लिए जब कोई महिला आती हैं तो उनके खाली हाथ लौटना पड़ता हैं, क्योकि महिला आयोग के कर्मचारी यह कहकर उन्हे लौटा देते हैं कि अध्यक्ष, सदस्य सचिव और सदस्य नहीं हैं हम अपनी कोई मदद नहीं कर पाएंगे। यह हाल तब जब महिल आयोग को खाली हुई एक साल हो गया हैं लेकिन अभी तक सरकार द्वारा अध्यक्ष, सदस्यो की नियुक्ति नहीं हो पाई हैं। वही सदस्य सचिव का पद भी रिक्त हो गया हैं। इधर आयोग मे 7 हजार से अधिक मामले लंबित हैं। इस मामले मे महिला एव बाल विकास मंत्री इमरती देवी का कहना हैं कि जल्दी ही अध्यक्ष और सदस्यो कि नियुक्ति कर दी जाएगी। वर्तमान मे आयोग कि बागडोर संभाल रही एसडीएम नंदिता मित्रा का कहना हैं कि महिलाओ के आवेदन लेकर रखने के अलावा हमारे पास कोई विकल्प नहीं हैं।