ब्याज का पैसा खाने वालो पर होगी कार्यवाही ,बिना लाइसेन्स पैसे देने पर एफआईआर।

भोपाल। शहर मे लोगो को बिना लाइसेन्स ब्याज पर पैसा देने वालो की खैर नहीं है। जिला प्रशासन और पुलिस मिलकर ऐसे लोगो के खिलाफ एक अभियान चलाएगी, जो लोगो को बिना लाइसेन्स के 20-30% तक ब्याज पर पैसे दे रहे है। यह बात मंगलवार को कंट्रोल रूम मे आयोजित बैठक मे कलेक्टर तरुण पिथोड़े ने कही।  कलेक्टर पिथोड़े ने आम जनता से अपील की है कि ऐसे सूदखोरों की जानकारी संबन्धित एसडीएम को दे, जो ब्याज पर रुपए दे रहे है। ऐसे लोगो को नोटिस दिया जाएगा, दोषी पाए जाने पर उसके खिलाफ एफ़आईआर दर्ज कराई जाएगी। डीआईजी इरशाद वली ने कहा कि चिटफंड और माइक्रो फाइनेंस कंपनी लोगो से धौखाधड़ी कर रातो - रात दफ्तर बंद गायब हो जाते है। इन कंपनियो की जानकारी थाने  स्तर पर जुटाई जाए।
ब्याज मे दिए रुपए का आडिट करना अनिवार्य
ब्याज पर पैसे चलाने के लिए सूदखोरो को नगर निगम मे 100 रुपए का आवेदन पत्र लेकर 1500 रुपए फीस, पेन कार्ड, एड्रेस प्रूफ फोटो के साथ शपथ पत्र देना होगा। जिसके बाद निगम कागजो की पुष्टि होने पर लाइसेन्स देगा। निगम जिस व्यक्ति को साहूकारी का लाइसेन्स देगा, उसके द्वारा दिए गए रुपए का ऑडिट संबन्धित एसडीएम के यहा से करना अनिवार्य है। ऐसा नहीं करने पर लाइसेन्स निरस्त किया जा सकता है। अगर कर्जदार रकम बापस न करे तो साहूकार दादागिरी नहीं कर सकता। उसे सिविल कोर्ट मे वसूली के लिए वाद दायर करना होता है। सूदखोर यदि किसी व्यक्ति को परेशान कर रहा है, तो इसकी शिकायत संबन्धित क्षेत्र के एसडीएम के यहा आवेदन देकर की जा सकती है ।