भोपाल। राज्यपाल फर्जी कॉल मामले का आरोपी डॉ. चंद्रेश शुक्ला को प्राइवेट नंबर की सिम दिलाने मे मदद करने वाले हरिद्वार के टूर एवं ट्रेवल्स संचालक दक्ष अग्रवाल को एसटीएफ ने रिमांड पाँच ओर बढ़ा दी हैं।
कुलपति बनने के लिए डॉ. चंद्रेश ने साथी विंग कमांडर कुलदीप वाघेला से राज्यपाल को कॉल कराया था। हरिद्वार के टूर एवं ट्रेवल्स संचालक दक्ष अग्रवाल ने डॉ. चंद्रेश को एक लाख 90 हजार में प्राइवेट सिम गुवहाटी, असम से दिलाई थी। जिस टेलीकॉम कंपनी की सिम थी, उसके अधिकारियों से दक्ष के अच्छे संबंध थे। उसने 90 हजार रुपए महाराष्ट्र के सिम डीलर प्रकाश चेलार को दिए थे, दक्ष को एसटीएफ की एसआईटी ट्रांजिट वारंट पर हरिद्वार से गिरफ्तार करके लाई थी। दक्ष ने बताया था कि डॉ. शुक्ला को 1.90 लाख में अप्रैल में सिम दिलाई थी। यह सिम आंध्रप्रदेश में एक्टिवेट हुई थी। सिम इश्यू और एक्टिवेट करने में सभी नियमों को टेलीकॉम कंपनी के अफसरों ने दरकिनार कर दिया था। जबकि सीएलआईआर सिम एक्टिवेट करने के लिए संबंधित प्रदेश के गृह विभाग और इंटेलीजेंस की अनुमति आवश्यक होती है। सोमवार को रिमांड अवधि खत्म होने पर दक्ष को दोबारा 22 फरवरी तक पांच दिन की रिमांड पर लिया गया है। उससे प्रकाश चेलार और टेलीकॉम कंपनी के अफसरों से संबंध के बारे में पूछताछ की जानी है।